OBC के लिए 42% आरक्षण, तेलंगाना में कांग्रेस ने पूरा क‍िया चुनावी वादा

तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने सोमवार को एक बड़ा चुनावी वादा पूरा किया। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सत्ता में आने के बाद जाति जनगणना की घोषणा की। पार्टी ने कहा था कि वह जनगणना के बाद ओबीसी के लिए आरक्षण बढ़ाएगी।
जातिगत सर्वेक्षण में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की संख्या 56.33 प्रतिशत सामने आई। इसके बाद रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में नए जाति सर्वेक्षण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। रेवंत रेड्डी की घोषणा के बाद सोमवार को विधानसभा में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का विधेयक पारित कर दिया गया। आपको बता दें कि बिहार के बाद तेलंगाना जाति सर्वेक्षण कराने वाला दूसरा राज्य है।

सीएम रेड्डी ने पिछले पोस्ट में यह बात कही थी।
सीएम रेड्डी ने शिक्षा, नौकरियों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में ओबीसी समुदाय के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपने पोस्ट में लिखा, “तेलंगाना को भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व करने पर गर्व है।” मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि हम भारत की आजादी के बाद से पिछड़े वर्गों की सबसे लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर रहे हैं। पिछड़े वर्ग के हमारे भाई-बहनों की मांग थी कि उन्हें सरकारी जनगणना में शामिल किया जाए और मान्यता दी जाए और आज हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ‘देश के इतिहास में पहली बार हमने कमजोर वर्गों के बिलों का भुगतान किया है।’ हम अधिकारों को वैधानिक बना रहे हैं।

विधानसभा में बहस के बाद विधेयक पारित कर दिया गया।

रेवंत रेड्डी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में तेलंगाना पिछड़ा वर्ग (ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में सीटों का आरक्षण) विधेयक, 2025 पेश किया। यह विधेयक चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। यह ध्वनिमत से पारित हो गया। सत्र के दौरान तेलंगाना अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक, 2025, और तेलंगाना पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीटों और राज्य विधेयक, 2025 के तहत सेवाओं में नियुक्तियों या पदों का आरक्षण पेश किया गया। पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर चर्चा के दौरान बीआरएस करीमनगर विधायक गंगुला कमलाकर ने विस्तार से बताया कि तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग आरक्षण सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया।

सीएम रेवंत रेड्डी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव लाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से इस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करने और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। सरकार के इस फैसले के बाद तेलंगाना के ओबीसी समुदाय को विभिन्न सरकारी सेवाओं और अवसरों में समान भागीदारी मिलेगी।

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