
NDA नडीए सरकार आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश करेगी। आज वोटिंग होगी, माना जा रहा है कि सरकार इस अहम बिल को पास करा लेगी। इस विधेयक पर भारी हंगामा हुआ है। विपक्ष ने घोषणा की है कि वह इस विधेयक का विरोध करने के लिए एकजुट होगा।
इस विधेयक को पारित कराना सरकार के लिए किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं है। हालाँकि सदन में संख्या बल सरकार के पक्ष में है। यह देखना अभी बाकी है कि विपक्ष इस विधेयक को पराजित कर पाएगा या नहीं। जेडीयू-टीडीपी जैसे सहयोगी दल भी मोदी सरकार के साथ हैं। आखिर क्या है ये बिल, क्यों विपक्ष इसका विरोध कर रहा है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं?
क्या है ये बिल: वक्फ संशोधन विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन के लिए लाया गया विधेयक है। पहले इस पर चर्चा की जाएगी और फिर इसे पारित कराने के प्रयास किए जाएंगे। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग की रोकथाम के लिए नियमों को कड़ा करना है।
इस तरह होगी चर्चा: लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा के लिए 8-8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। एनडीए सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), शिवसेना (शिंदे गुट) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी रामविलास) ने अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है। विपक्ष ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है।
विधेयक में क्या हैं बदलाव: विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिला सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, डीएम को संपत्ति सर्वेक्षण करने तथा वक्फ न्यायाधिकरण के निर्णयों को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए सशक्त बनाने के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
बिल पर हंगामा क्यों: विपक्ष और मुस्लिम संगठन इस बिल को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। उनका तर्क है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को कमजोर करेगा और सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (एआईएमपीबी) ने विपक्ष और सरकार के सहयोगियों से इस विधेयक का विरोध करने की अपील की है।
सरकार का तर्क: भाजपा नीत एनडीए सरकार का कहना है कि इस विधेयक के लागू होने से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता आएगी। संपत्ति का दुरुपयोग रुकेगा और मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को इसका लाभ मिलेगा।
भेदभावपूर्ण: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के अनुसार यह विधेयक भेदभावपूर्ण तरीके से लाया जा रहा है। इतना ही नहीं, यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
कौन है समर्थन में: एनडीए सरकार विधेयक पारित कराने के लिए एकजुट नजर आ रही है। बिहार एनडीए ने पहले ही इस विधेयक के लिए अपना समर्थन घोषित कर दिया है। मोदी सरकार के सहयोगी टीडीपी और जेडीयू भी इस विधेयक के समर्थन में हैं।
कौन विरोध में है: कांग्रेस पार्टी समेत पूरा विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। विपक्ष ने इस संबंध में एक बैठक बुलाई। बैठक में घोषणा की गई कि लोकसभा में विधेयक के खिलाफ मतदान कराया जाएगा। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), टीएमसी, डीएमके, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) इसका विरोध कर रहे हैं।
लोकसभा में संख्या का खेल: एनडीए सरकार को वर्तमान में लोकसभा में 293 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक के पास लोकसभा में 233 सांसद हैं।
राज्यसभा में स्थिति: आज लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया जाएगा। आंकड़ों पर गौर करें तो लोकसभा में मोदी सरकार की राह आसान नजर आ रही है। एनडीए के पास बहुमत है और माना जा रहा है कि यह विधेयक पारित हो जाएगा। राज्यसभा में स्थिति अलग है, जहां 115 सांसदों के साथ सरकार की राह आसान नहीं दिखती।