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Politics

आखिर क्यों वक्फ संशोधन बिल पेश होने से पहले यूपी हाई अलर्ट मोड़ पर? सोशल मीडिया पर नजर, सड़कों पर गश्त

  • PublishedApril 2, 2025

वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। जिसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय खुफिया इकाई को अतिरिक्त सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाहों, भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट पर भी सख्त कार्रवाई की गई है।

डीजीपी के आदेश के बाद राज्य के कई जिलों में पुलिस सड़कों पर फ्लैग मार्च भी करती नजर आई। दरअसल, विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहा है। ऐसे में राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन की आड़ में कोई अप्रिय घटना होने पर सतर्क रहने को कहा गया है। संवेदनशील इलाकों में पीएसी और आरएएफ को भी तैनात किया गया है। राजधानी लखनऊ में लोकभवन, विधानसभा, परिवर्तन चौक और हजरतगंज इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है.

गौरतलब है कि 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के विरोध में राजधानी लखनऊ में जिन इलाकों में हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी, वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस कर्मियों को भी शादी की वर्दी में तैनात किया गया है। इसके अलावा लगातार गश्त के निर्देश दिए गए हैं।

वक्फ संशोधन बिल 2025 क्या है?

वक्फ संशोधन बिल 2025 भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन में बदलाव लाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता बढ़ाना, अवैध कब्जों को रोकना और सरकारी संपत्तियों के दुरुपयोग को कम करना है। हालांकि, इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विभिन्न संगठनों और समुदायों में असहमति देखी जा रही है।

यूपी में हाई अलर्ट क्यों?

वक्फ संशोधन बिल के प्रति कई संगठनों और समूहों ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस बिल को लेकर प्रदर्शन और विरोध हो सकते हैं। इससे राज्य की शांति-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसी कारण, यूपी सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।

प्रशासन का कहना है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें और अफवाहें फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। इसलिए फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, पुलिस बल को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

सोशल मीडिया पर सख्त नजर

वर्तमान समय में अफवाहें फैलाने और लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया एक बड़ा जरिया बन चुका है। प्रशासन ने विशेष साइबर सेल को एक्टिव कर दिया है जो सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं की पहचान कर रही है।

  • फेक न्यूज पर रोकथाम – यदि कोई भ्रामक या भड़काऊ पोस्ट शेयर करता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
  • आईटी टीम की निगरानी – पुलिस और साइबर क्राइम सेल की टीम 24×7 सोशल मीडिया पर सक्रिय है।
  • ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी – व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स के एडमिन्स को चेतावनी दी गई है कि वे अपने ग्रुप्स में फैलने वाली फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट पर नियंत्रण रखें।

सड़कों पर कड़ी सुरक्षा

यूपी में कई जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। पुलिस के अलावा, पीएसी (Provincial Armed Constabulary) और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।

  • संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त – लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और अलीगढ़ जैसे शहरों में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है।
  • मुख्य चौराहों पर बैरिकेडिंग – किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर के प्रमुख चौराहों और सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है।
  • ड्रोन और सीसीटीवी की मदद – प्रशासन संवेदनशील इलाकों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी कर रहा है।

प्रशासन की अपील

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

  • सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध – बिना अनुमति के किसी भी सार्वजनिक सभा या प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • धारा 144 लागू – कई संवेदनशील जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे चार या उससे अधिक लोग बिना अनुमति एकत्रित नहीं हो सकते।
  • हेल्पलाइन नंबर जारी – किसी भी आपात स्थिति में पुलिस से संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

विपक्ष और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

वक्फ संशोधन बिल 2025 पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

  • विपक्ष का विरोध – विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को इस बिल पर सभी समुदायों के नेताओं से चर्चा करनी चाहिए। उनका आरोप है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ जाएगा, जिससे धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
  • मुस्लिम संगठनों की चिंता – कई मुस्लिम संगठनों ने इस बिल पर चिंता जताई है और इसे समुदाय के लिए प्रतिकूल बताया है। वे सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।
  • अन्य संगठनों का समर्थन – कुछ सामाजिक संगठनों ने इस बिल का समर्थन किया है और कहा है कि इससे वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रुकेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।

क्या हो सकते हैं आगे के कदम?

सरकार की ओर से वक्फ संशोधन बिल पर जल्द ही चर्चा होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बिल को पास कराने से पहले विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर सकती है।

  • संभावित संशोधन – यह संभव है कि सरकार कुछ विवादित प्रावधानों को हटाने या संशोधित करने पर विचार करे।
  • संवाद और बैठकें – सरकार धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ बातचीत कर सकती है ताकि किसी भी भ्रम को दूर किया जा सके।
  • सख्त कानूनी प्रावधान – यदि कोई इस बिल को लेकर अफवाहें फैलाता है या हिंसा भड़काने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से लेकर सड़कों पर सुरक्षा बलों की तैनाती तक कई कड़े कदम उठाए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों से बचें। आगे के दिनों में वक्फ संशोधन बिल पर होने वाली चर्चा से यह स्पष्ट होगा कि सरकार इसमें क्या बदलाव करती है और इससे देश की सामाजिक संरचना पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Written By
admin

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