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Politics

लोकसभा का रास्ता आसान, राज्यसभा में क्या है हाल…बीजेपी के लिए वक्फ बिल पास कराना कितना मुश्किल?

  • PublishedApril 2, 2025

Waqf Bill: वक्फ बोर्ड में संशोधन के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद में विधेयक ला रही है। वक्फ संशोधन विधेयक को पिछले ही संसद सत्र में एंट्री मिल गई थी, लेकिन वाद-विवाद के साथ विचार और सुझाव के लिए बिल को संसदीय समिति के पास भेजा गया था।
इस जेपीसी की रिपोर्ट मौजूदा बजट सत्र में पेश हुई थी और अब विधेयक को संसद से पास कराने की तैयारी है। हालांकि बीजेपी के लिए वक्फ विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पास कराना आसान नहीं है।

वक्फ विधेयक को लेकर विस्तार से चर्चा और विचार-विमर्श के लिए 6 महीने पहले जेपीसी का गठन हुआ था। 31 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ अधिनियम से संबंधित संशोधनों की समीक्षा की। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल बताते हैं कि पिछले 6 महीनों में हमने पूरे देश का दौरा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की। हमने 14 खंडों में 25 संशोधनों को अपनाया। बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित करने के लिए पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है।

वक्फ बिल पर लोकसभा का समीकरण क्या है?

बीजेपी के पास सत्ता में पूर्ण बहुमत नहीं है। मसलन बीजेपी की सरकार केंद्र में बैसाखी के सहारे है। इसीलिए अहम विधेयकों पर बीजेपी को सहयोगियों के पूरे समर्थन की जरूरत रहती है। फिलहाल वक्फ बिल पर लोकसभा का समीकरण कहता है कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत होगी। लोकसभा में किसी बिल को पास कराने के लिए कम से कम 272 सदस्यों का समर्थन चाहिए होता है, जो बहुमत का आंकड़े के बराबर है। फिलहाल बीजेपी यानी NDA के सदस्यों की लोकसभा में संख्या 293 है, जो बिल पास कराने के लिए अंकगणित से अधिक है। विपक्षी INDI ब्लॉक के पास लोकसभा में 233 सांसद हैं। असदुद्दीन ओवैसी भी इस बिल के मुखर विरोधी हैं।आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमत कौर बादल किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। लिहाजा वक्फ बिल पर इन लोगों की वोटिंग पर नजर जरूर रहेगी।

राज्यसभा में क्यों बीजेपी की बढ़ेगी चिंता?

लोकसभा में बीजेपी आसानी से बिल पास करा सकती है, लेकिन राज्यसभा में उसके लिए चुनौती बढ़ेगी। नंबर गेम देखें तो राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। अभी राज्यसभा के सिटिंग सदस्यों की संख्या 236 है, जबकि 9 सीटें खाली हैं। इस लिहाज से किसी बिल पर बहुमत के लिए 118 वोट चाहिए होंगे। इसमें सत्ताधारी बीजेपी नीत एनडीए के पास 125 सांसद हैं। हालांकि ये संख्या बहुमत के आंकड़े से ज्यादा नहीं है। ऐसा इसलिए भी कि अगर राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग हुई तो बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ जाएगा। हालांकि अभी इसके आसार संसद में नहीं दिख रहे हैं। बहरहाल, वक्फ विधेयक पर संसद में वोटिंग के समय सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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