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नई दिल्ली, 28 अप्रैल . जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट समर्थित उम्मीदवारों ने अध्यक्ष समेत चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की है. वहीं संयुक्त सचिव पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार वैभव मीणा ने जीत दर्ज की है.

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Politics

भाजपा ओबीसी-एससी-एसटी विरोधी, जनहित के मुद्दों से नहीं कोई सरोकार: पप्पू यादव

  • PublishedApril 9, 2025

पूर्णिया, 9 अप्रैल . बिहार के चर्चित नेता और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उनके अनुसार, पार्टी ओबीसी, एससी-एसटी और किसान विरोधी है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी दलों को मिलजुलकर काम करना होगा, उसे अकेले हराना मुश्किल होगा.

पप्पू यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी मुख्य समस्याओं पर कभी बात नहीं करती और ओबीसी, एससी, एसटी व किसानों के हितों की विरोधी है. इसके विपरीत, कांग्रेस की सोच समाज के हर तबके को हिस्सेदारी देने की रही है, खासकर ओबीसी, एससी और एसटी को आगे बढ़ाने पर जोर देती है.

मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की सक्रियता पर पप्पू यादव ने कहा कि हिंदी पट्टी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सभी मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “राजद खुश रहे या न रहे, इससे हमें फर्क नहीं पड़ता. सभी गठबंधन धर्म के तहत अपना काम कर रहे हैं. मेरा मानना है कि बीजेपी को हराने के लिए हिंदी पट्टी में गठबंधन जरूरी है, क्योंकि क्षेत्रीय दल अकेले बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते.”

कांग्रेस के भविष्य पर उन्होंने कहा कि पार्टी अकेले लड़ेगी या नहीं, यह मैं नहीं बता सकता, लेकिन बीजेपी को हराना हमारा लक्ष्य है. पार्टी एक विचारधारा से चलती है और नेतृत्व जो दिशा तय करता है, उसी के आधार पर कार्यकर्ता काम करते हैं.

आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका पर पप्पू यादव ने कहा कि वे लोगों को जोड़ने और सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. हमारी प्राथमिकता विकास और जनता के मुद्दों पर ध्यान देना है.

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा खत्म हो चुका है. देश का रुपया गिर गया, पड़ोसी देश दूर हो गए और अमेरिका टैरिफ बढ़ा रहा है, लेकिन मोदी चुप हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि 11 साल में पीएम मोदी ने क्या किया? उनका दावा था कि 2014 से पहले हिंदू और देश खतरे में नहीं थे, लेकिन मोदी के आने के बाद से ही यह संकट पैदा हुआ है.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और अखिलेश के व्यक्तिगत रिश्तों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, “हम कोई ज्योतिषी नहीं हैं. व्यक्तिगत रिश्ते किसी के भी साथ हो सकते हैं.”

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