यूपी: दलित सांसद के ख़िलाफ़ अभियान पर अखिलेश यादव बोले- करणी सेना के पीछे भाजपा का हाथ

नई दिल्ली दक्षिणपंथी समूह करणी सेना और अन्य संबंधित क्षत्रिय संगठनों से जुड़े हजारों लोग 12 अप्रैल को आगरा के बाहरी इलाके में तलवारें, भाले और लाठियां लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ एकत्र हुए, जिन्होंने 16वीं सदी के राजपूत शासक राणा सांगा और प्रथम मुगल सम्राट बाबर के बीच सहयोग का आरोप लगाकर उन्हें नाराज कर दिया था.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करणी सेना के विरोध प्रदर्शन और भाजपा के बीच सीधा संबंध होने का आरोप लगाया है, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे.
यादव ने सोमवार (14 अप्रैल) को लखनऊ में बी.आर. आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा, ‘यह सेना भाजपा की है.’
करणी सेना का ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’
हाल ही में संसद में बोलते हुए वरिष्ठ दलित नेता सुमन ने लोधी शासक इब्राहिम लोधी के खिलाफ लड़ने के लिए सांगा द्वारा बाबर को भारत आमंत्रित करने का जिक्र किया था. इसके विरोध में 26 मार्च को करणी सेना के सदस्यों ने आगरा में उनके आवास और उसके बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की.
12 अप्रैल को करणी सेना के सदस्यों और समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन और सुमन के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए राणा सांगा की जयंती पर आगरा में ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ आयोजित किया. इस कार्यक्रम में क्षत्रिय जाति के नेताओं ने भड़काऊ नारे लगाए, जबकि इसमें शामिल लोगों ने आगरा के राजमार्ग पर हंगामा किया. पुलिस ने बताया कि इससे कम से कम 30 मिनट तक यातायात जाम रहा.
करणी सेना के कई कार्यकर्ता वाहनों को रोकते और हाथों में तलवारें और लाठियां लेकर सड़क पर नाचते नजर आए.
पुलिस ने बताया कि रैली में शामिल लोग प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के बाद अपने-अपने स्थानों पर लौट गए.
आगरा से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल और एत्मादपुर से भाजपा विधायक धर्मराज सिंह ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बघेल ने राणा सांगा पर सुमन की टिप्पणी की आलोचना करने के लिए करणी सेना का साथ दिया.
करणी सेना के कार्यकर्ताओं से घिरे बघेल ने कहा, ‘सभी राष्ट्रवादी, क्षत्रिय समुदाय के अलावा अन्य समुदायों के लोग, उनकी भावनाएं आहत हुई हैं.’
बघेल ने सांगा की ‘अदम्य साहस, बहादुरी और देशभक्ति’ की सराहना की और सुमन से अपनी टिप्पणियों के लिए माफ़ी मांगने को कहा. विधायक सिंह भी मौके पर पहुंचे और कहा कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ.
सिंह ने कहा कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है, जिसमें सुमन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, इसमें उनकी राज्यसभा सदस्यता रद्द करना भी शामिल है. सिंह ने कहा कि उनकी स्थानीय मांगों को एक दिन के भीतर पूरा कर दिया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार से संबंधित मांगों को दिल्ली भेजा जाएगा.
क्षत्रिय करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र सिंह राणा, जिन पर पिछले महीने सुमन के घर में तोड़फोड़ करने का मामला दर्ज किया गया था, ने कहा कि आगरा में आयोजित कार्यक्रम में एकत्र हुए 36 समुदायों के लोगों ने अगले चुनाव में सपा को वोट न देने की शपथ ली है.
राणा ने फेसबुक पर कहा, ‘हम 2027 में सपा का सफाया कर देंगे.’
यादव सांसद सुमन के साथ खड़े हुए यूपी प्रशासन की आलोचना की
सपा अध्यक्ष यादव ने करणी सेना समर्थकों द्वारा उन्हें और उनकी पार्टी के सहयोगियों को दी गई खुली धमकियों पर भाजपा सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया.
उन्होंने लखनऊ में पूछा, ‘क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि प्रशासन के इशारे पर किस तरह का नंगा नाच हुआ? वे जान लेने की धमकी दे रहे हैं. संविधान और कानून का पालन करने वाले लोग क्या कर रहे हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’
यादव ने कई बार आरोप लगाया है कि करणी सेना के पीछे भाजपा का हाथ है. हाल ही में इटावा में एक रैली में यादव ने कहा कि वह सुमन और ऐसे किसी भी अन्य सपा सदस्य के साथ मजबूती से खड़े होंगे, जिन्हें ऐसी धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हम उनके सम्मान के लिए लड़ेंगे.’ यादव ने करणी सेना की तुलना जर्मनी में एडोल्फ हिटलर द्वारा संचालित अर्धसैनिक संगठनों से की. उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि हिटलर की भी एक सेना थी. वह अपने कार्यकर्ताओं को सैन्य वर्दी पहनाता था और अपने विरोधियों को पिटवाता था. अब यह कोई सेना है. वे सभी भाजपा के लोग हैं.’
सुमन के इस बयान के बाद से ही कई दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और संगठनों ने उन्हें धमकियां दी हैं. पिछले हफ़्ते अलीगढ़ में पुलिस ने सुमन की जान के लिए 25 लाख रुपये का इनाम घोषित करने के आरोप में करणी सेना के नेता मोहन चौहान पर मामला दर्ज किया था.
धमकियों के बाद सुमन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की. इस बीच, पुलिस हाई अलर्ट पर है और 12 अप्रैल को सुमन के आवास पर करणी सेना के सदस्यों को पहुंचने से रोकने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था.
सुमन ने करणी सेना की रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दूसरों को उनसे असहमत होने और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो उन्हें संवैधानिक तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए.’